जन्म -मृत्यु तो हमारे हाथ मे नही है
जीवन की मृत्यु निश्चित है ।
सृजन का विसर्जन निश्चित है ॥
तो हे मानव !मत डर जग में ।
धीरज रख जी ले इस जग में ।।
अर्थात :--
जन्म -मृत्यु तो हमारे हाथ मे नही है ।हाँ , जीवन हमारे हातो में है , तो इस जीवन मे नकारात्मक विचार तथा भय जैसी भावनाओं को स्थान क्यों दे ?
क्यों न हम ईश्वर के प्रति पूर्ण आस्थावान बने तथा गुरु के प्रति पूर्ण समर्पित रहे । "मेरा बुरा कूछ हो ही नही सकता " --ऐसा पूर्ण विश्वास रखे ।
आपकी - गुरुमाँ
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