॥ " माँ " ॥
आपकी माँ आपको जितना जानती है ,उतना दुनिया में आपको कोई नही जानता क्योंकि दुनिया में आने के नौ माह पूर्व से आपको जानती है ।ठीक इसी प्रकार से मै आपके आत्मा की माँ हूँ ।आपकी आत्मा को इस जन्म के पूर्व से ही जानती हूँ ।आत्मा का साक्षातकार जो इस जन्म मे मिला है ,वह इस जन्म के कर्म के कारण नही मिला है ।वह आपकी जन्मों -जन्मों की तपस्या और साधना का फल है जो फल प्राप्त इस जन्म में ही हुआ है ।
पूज्य स्वामीजी
12/2/2015
गुरुवार
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