मेरे भीतर ही कोई शक्ति का स्त्रोत है
"मै ऐसा अनुभव कर रहा हूँ की मेरे भीतर ही कोई शक्ति का स्त्रोत है जो अब धीरे धीरे खुल रहा है ।और जितना ध्यान करता हूँ ,वह और खुलता है ।कभी सहस्त्रकमल खिलते है ,ऐसा अनुभव होता है ।बड़ा आनंद आता है ।ऐसा लगता है ,जीवनभर ध्यान ही करते रहो ।". . .
बाबा स्वामी
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