सदगुरु आपके र्हदय के द्वार पर खड़ा है
सदगुरु आपके र्हदय के द्वार पर खड़ा है ।बस आपका र्हदय का द्वार खोलकर अनुभव करो ।सारा आपका ध्यान आपको क्या दिख रहा है ,उधर नही ,क्या अनुभव हो रहा है ,उधर होना चाहिए ।क्योंकि जो दिखता है ,वह स्थाई नही है ,शाश्वत नही है ।
बाबा स्वामी
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