शक्तिस्वरूपा गुरुमैय्या

मेरे  लिए  तो  पत्नी  शक्तिस्वरूपा  थी ।क्योंकि  मेरी  साधना  की  तो  वह  शक्ति  थी ।और  वह  सदैव  मुझे ,"इसी  मार्ग  पर  चलो " कहकर  प्रेरित  भी  करती  थी ।उसका  दृढ़  विश्वास  था ," परमात्मा  आत्मा  के  रुप  में  हमारे  ही  भीतर  बैठा  है  और  एक  पवित्र  व्यक्ति  को  उसकी  आत्मा  सदैव  मार्गदर्शन  करती  रहती  है ।और  पवित्र  व्यक्ति  सदैव  आत्मा  के  अधीन  होता  है ।

बाबा स्वामी

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