॥ चैतन्य ॥
माध्यम का शरीर तो सामान्य मनुष्य जैसा ही होता है ,लेकिन उस शरीर के भीतर की आत्मा परमात्मामय होती है । इसी कारण उस आत्मा से लाखों आत्माएँ जुड़ी होती है , लाखों आत्माओंसे वह जुड़ी होती है ।इसी कारण परमात्मा की शक्ति चैतन्य के रुप से उसके शरीर से बहती ही रहती है ।इसलिए उसके सानिध्य मे अछा लगता है ।
परम पूज्य बाबा स्वामी
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