ध्यानयोग

समाज  मे  रहकर  संतुलित  बनने  का  एक  ही  मार्ग  है -- " ध्यानयोग " यही  मनुष्य  को  संतुलित  कर  सकता  है  और  आछी  आत्माओं  से  आपको  जोड़  सकता  है ।

बाबा स्वामी

Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी