आध्यात्मीक गुरू तीन चरण

पहला: अपने गुरूसे ज्ञान प्राप्त करना |

दूसरा: उसका अध्ययन करना और अध्ययन करके स्वंय उस सजीव ज्ञान की अनुभूती को प्राप्त करना |

तीसरा: उस अनुभूती के अनुभव को बाँटना |

ये जो तीनों कार्य करते है, वे "आध्यात्मीक गुरू "  कहलाते है |                     
      
हि.स.यो.                     
भा. १
           

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