साधक की स्थिति कुमारीका जैसी है
एक साधक की स्थिति कुमारीका जैसी है ।बिना पुरुष के बच्चा हो ही नही सकता यह जितना सत्य है ,उतना ही यह भी सत्य है की बिना सदगूरू के आध्यात्मिक प्रगति संभव ही नही है ।क्योंकि आध्यात्म का बीज ही नही है तो बीज की प्रगति का प्रश्न ही नही उठता है ।
ही .का .स .योग
खंड ५ पृष्ठ २८
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