ध्यानस्थ मुनि

एक बड़े शिलाखण्ड पर बहूत बड़ी जोती नज़र आ रही थी ।. . . मै समझ गया . . . कोई मुनि अदृश्य रुप में ध्यान कर रहे थे . . .मै भी ध्यान करने बैठ गया . . . ध्यानस्थ मुनि बोले ,"मैं आपका ही इंतजार कर रहा था . . . आपके माध्यम से ही मेरी मुक्ति संभव है ।

बाबा स्वामी 


Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी