नश्वर से ईश्वर तक के आठ सूत्र
१] शरीर धर्म :-- परमात्मा ने हमे शरीर मोक्ष के लिए दिया है ।
२] मनुष्य धर्म :-- आध्यात्मिक प्रगति करने के लिए हमे मनुष्य बनना ज़रूरी है ।
३] मातृ धर्म :-- माता के प्रति कर्तव्यों को पूर्ण करने के बिना आप आध्यात्मिक प्रगति नही कर सकते ।
४] पितृ धर्म :-- पितृऋण का बहूत व्यापक अर्थ है और पिता के प्रति आपका कूछ दायित्व है ।
५] आचार्य धर्म :-- जिस गुरु से हमे आत्मज्ञान मिला है ,उस गुरु के ऋण को चुकाए बिना हम उस ऋण से मुक्त नही हो सकते ।
६] अतिथि धर्म :-- अतिथि याने जो बताकर नही आते और आपकी परीक्षा लेते है ।
७] आत्म धर्म :-- आत्मधर्म याने आपके भीतर एक आत्मा है ,उसका एहसास आपको होना चाहिए ।
८] मोक्ष धर्म :-- आत्मज्ञान प्राप्त करना संपूर्ण नही है ।और ध्यान नही किया तो मोक्ष -प्राप्ति नही हो सकती ।
परमपूज्य स्वामीजी
२३ - २ - २००९
समर्पण आश्रम
दांडि
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