जिवंत गुरु
एक प्रश्न आपको हो रहा होगा -- इतने सारे गुरु है , पता नही मेरा कौनसा गुरु है और किससे मिलने वाला है ? तो इसका भी एक तरीका बताता हूँ , एक मार्ग . . एकदम आसान मार्ग है , सोपा [सरल ] मार्ग है । आप कर सकते हो । जिस दिन इच्छा करो , उस दिन करो । एक दिन अकेले शिर्डी जाओ , मालूम है ? आपकी औकात आपको मालूम पड़ेगी । कई बार क्या होता है , हम दूसरे का पल्लू पकड़ के चले जाते है ।हमारी हैसियत भी नही रहती वहाँ जाने की लेकिन उसका पल्लू पकड़ के अपून चले गए , आप अकेले शिर्डी जाओ और शिर्डी जा करके फिर वहाँ माँगो , सर फोडो अपना , इच्छा करो - मुझे अनुभूति दो , मुझे अनुभव कराओ । समाधिस्त गुरु आत्मसाक्षातकार नही करा सकता । समाधिस्त गुरु अनुभूति नही करा सकता । फिर क्या करेगा ? वो आपके जीवन में , उस गुरु का आगमन करेगा जो अनुभूति करा सकता है । तो आपके जीवन में जिवंत गुरु का आगमन होगा । ये एकदम सरल रास्ता , आसान रास्ता आपको बता रहा हूँ । और ये मेरा अपनाया हुआ है , मेरा खुद का ये अनुभव है ।
परम पूज्य स्वामीजी
डॉक्टर संगोष्ठी
अहमदाबाद
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