प्रार्थना

हे परमात्मा सदगुरू के जिवन का एक एक क्षण बहुमूल्य है । यह बात समर्पण परिवार के पदाधिकारियों को समझने की बुद्धि दे। ये नासमझ सदगुरू सानीध्य का उपयोग व्यवस्था.आपसी विवाद हिसाब किताब. और बेकार की निरर्थक विषयो की बाते करने मे
बरबाद कर रहे है। सदगुरू के समाधिस्थ होने के बाद यह सब रोने वाले है । पछतावा करने वाले है आत्मग्लानी करने वाले हे, हमने सदगुरू के सानिध्य का दुरूपयोग किया है। जीस सदगुरू के एक क्षण के दर्शन को लाखो आत्माएं तरसती हो उस सदगुरू का सानिध्य हमे हमारे पूर्व जन्म के कर्म के कारण मिला तो था। पर हमने अपने ही कर्मो से गँवाया है।

बाबा स्वामी
२४/९/२०१७
बाबा स्वामी कुटिर
दांडी समर्पण आश्रम

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