सदगूरू एक गुलाब के फूल की तरह होते है

सदगूरू   एक   गुलाब   के   फूल   की   तरह   होते   है  । उनसे   आत्मज्ञान   की   अनुभूति   हमे   लेनी   नही   पड़ती   है   और   न   ही   उन्हे   देनी   पड़ती   है । आत्म -अनुभूति   देना   उनका   स्वभाव   बन   जाता   है ।

पूज्य स्वामीजी

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