इस जन्म का एक ही उद्देश है
इस जन्म का एक ही उद्देश है ।एक पर्वत के उच्च शिखर पर मै पहुँचा हूँ ; अपने प्रयत्न से ,अपनी साधना से ।और वहाँ पहुँचकर बैठा नही रहा ,वहाँ से वापस नीचे आया हूँ औरों को पर्वतशिखर का रास्ता बताने के लिए ! और जो कठिनाईयाँ मैने झेली है ,वे दूसरों को न झेलनी पड़े ,इसीलिए रास्ते के बारे मे जानकारी दे रहा हूँ - किस रास्ते से जाना उचित होगा ।यह रास्ते बनाने का कार्य मेरे इस जीवन का उद्देश है ।सबके उस उच्च शिखर पहुँचने के बाद ही मै उच्च शिखर पर जाऊँगा ।. . .
बाबा स्वामी
ही .स .योग
२-- ७१
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