स्त्री शक्ति

स्त्री  का  प्रेम  तथा  उसका  समर्पण  उसकी  कमजोरी  नही , उसकी  शक्ति  होती  है । जैसे  लताएँ  वृक्ष  के  सहारे  ऊपर  चढति  है । वृक्ष  ही  लता  को  सँभालता  है  किंतु  आँधी  आने  पर लताएँ  वृक्ष  को  बाँधे  रखती  है , उसे  उसिके  स्थान  पर  स्थिर  रहने  में  सहायता  प्रदान  करती  है ।
     स्त्री  का  अपने  पति  के  प्रति  आदर  भाव , समर्पण  भाव  उसके  परिवार  को  जोड़े  रखता  है । पत्नी  का  पति  के  प्रति  आदर  भाव  व  समर्पण  भाव  पति  को  संयमित  जीवन  जीने  की  प्रेरणा  देता  है ।

         ॥ गुरु माँ ॥ 
    "माँ " पुष्प १ पृष्ठ ८९

Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी