आत्मा मॉ समझ मे आती है । समाधीस्थ होने के बाद।

मॉ याद आती है मॉ मरने के बाद आत्मा मॉ समझ मे आती है । समाधीस्थ होने के बाद। जब जिवन्तं गुरू का सानींध्य मीलता है । तब उसका महत्व समझ मे नही उसका महत्व समझ मे आता है उससे दुर हो जाने के बाद।एक बार गुरू से दुर हो जाने के बाद वापस कभी पास पहुचा नही जा सकता क्योकी सदगुरू आध्यात्मीक गती खुब अधीक होती है।वह कुछ क्षणो मे ही हमसे खुब दुर चला जाता है। यह ऐसे ही दुर चले गये साधक के पत्र का जबाब है। साथ मे उस साधक का भी पत्र है।

बाबा स्वामी
२५/९/२०१७

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