पाँच नियमों का पालन करके आप इस समर्पण ध्यान की पद्धति को अपना सकते है ।
आप जब अपने -आप को शरीर नही ,आत्मा समझते है औऱ मानते हैं, तभी आपका संबंध माध्यम के द्वारा पर्मात्मा से होता है औऱ इस माध्यम पर चित्त रखकर आप बाद में जीवन में मोक्ष की स्थिति पा सकते हैं । इसे करने के पाँच नियम है :--
[ 1 ] आप अपने -आपको आत्मा मानें ।
[ 2 ] आप सद्गुरु को माध्यम माने ।
[ 3 ]परमात्मा एक विश्वशक्ति है ,यह माने ।
[ 4 ] सबका धर्म मनुष्यधर्म है ,यह माने ।
[ 5 ] नियमित सामूहिक ध्यान करे ।
इन उपरोक्त पाँच नियमों का पालन करके आप इस समर्पण ध्यान की पद्धति को अपना सकते है ।
ही.का.स.योग...
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