जिन्हे परमात्मा की कृपा प्राप्त हो जाती है , वे ही वृक्ष बन पाते हैं |

सभी बीज वृक्ष नहीं बन पाते | बहुत कम बीज वृक्ष सा जीवन पाते है | जिन्हे परमात्मा की कृपा प्राप्त हो जाती है , वे ही वृक्ष बन पाते हैं | पर परमात्मा की कृपा प्राप्त हो, ऐसे खुशनसीब सभी नहीं होते | पर जो खुशनसीब बीज होते हैं , वे बड़े वृक्ष बनकर अपने को प्राप्त कृपा को औरो को बांटने का कार्य करते हैं , नए वृक्ष के निर्माण में सहायता करते हैं |
ठीक ऐसा ही मुझे भी लगा की सभी लोग परमात्मा  की अनुभूति प्राप्त नहीं करते हैं ,पर परमात्मा की असीम कृपा में मुझे अनुभूति हुई है तो मेरा भी समाज के प्रति  दायित्व है कि जो अनुभूति परमात्मा की कृपा में मुझे प्राप्त हुई , वह मैं भी औरों को बांटू | और  यही सोच कर इस परमात्मा की अनुभूति को मनुष्य  समाज में बाँटने का निश्चय किया |

हि.स.यो.२/२७

Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी