शक्तिपात केवल गुरूकृपा में
शक्तिपात केवल गुरूकृपा में ही होता है। पर प्राप्त शक्ति को सम्भालकर रखना बड़ा कठिन कार्य होता है। निरंतर साधना करनी पड़ती है। निरंतर सम्भालकर रखना ही एक महत्वपूर्ण बात होती है। क्यूँकि जिसने हमें अपना सर्वस्व समर्पित किया है, वह इस विश्वास के साथ किया है की यह सम्भालकर रखेगा।
बाबा स्वामी
HSY 1 pg 171
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