पत्थरों को इकट्ठा करो , क इकट्ठा करके उसकी सीढ़ी बनाओ औऱ सीढ़ी से ऊपर चढ़ो
जब भी जीवन के अंदर जिन्होंने मेरे ऊपर पत्थर मारे है न , उन सब पत्थरों को मैने इकट्ठा किया , इकट्ठा करके उसकी सीढ़ी बनाई औऱ यहाँ तक पहुँचा हूँ । तो आप भी अपने जीवन में जो भी लोग पत्थर मारे , उन पत्थरों को इकट्ठा करो , क इकट्ठा करके उसकी सीढ़ी बनाओ औऱ सीढ़ी से ऊपर चढ़ो !
चैतन्य महाशिविर
2011
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