स्वयं का अस्तित्व

स्वयं का अस्तित्व तब पता चलता है ,जब परमात्मा के अस्तित्व को जान जाता है | " स्वयं का अस्तित्व" का अर्थ है - आत्मज्ञान होना | आत्मज्ञान होना यानि अपने -आपको जानना | मनुष्य जीवनभर दूसरों को जानने में ही जीवन व्यतीत करता है | आत्मज्ञान होने पर भीतर की यात्रा प्रारम्भ होती है , स्वयं को जानना प्रारम्भ होता है | और जिसने स्वयं को जान लिया, वह सारे विश्व को भी जान लेगा |

हि.स.यो.२/२१

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