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Showing posts from April, 2018
🌺ध्यान की विधी🌺🌺🌺🌺 कल एक साधक ने पुछा ध्यान करता हु। पर ध्यान नही लगता क्या करू? वास्तव मे ध्यान करना यह शब्द ही गलत है। हम जिवन मे सब कुछ करने की इतनी आदत लग गयी है। की हम ध्य...
शरीर अपना नियंत्रण आपके शरीर पर बनाए रखना ही चाहेगा। एक लकीर को अगर बिना काटे कम करना हो तो उस लकीर के सामने उससे बड़ी लकीर खेंच दो तो पहली वाली लकीर बिना काटे आप छोटी कर देते ह...
Aneri: _*जीवंत गुरु एक साक्षात अनुभूति होता है। पर केवल जागृत आत्मा वह अनुभूति ले पाती है, बाक़ी लोग तो उसका सान्निध्य पाकर भी अनुभूति नहीं ले पाते है। क्यूँकि उनका ध्यान उस चैतन...
यह ध्यान पद्धति मनुष्य को आत्मा के अधीन होकर ध्यान करना सिखाती है और इस ध्यान पद्धति से ध्यान करने से मनुष्य पर आत्मा का नियंत्रण धीरे-धीरे हो जाता है। अब अगर यह ध्यान कटने ...
Aneri: _*सदगुरु आत्मा को जन्म देने वाली माँ है। यह आत्मा और सदगुरु का रिश्ता जन्मो जन्मो का रिश्ता होता है। यह रिश्ता शाश्वत है क्यूँकि सदगुरु के बिना आत्मा का जन्म ही  सम्भव नहीं...
आपका चित्त खाने में से पूर्ण ही निकल जाए , यही इस यात्रा का उदेश होता है। कोई बात प्रथम विचार में आती है। अधिक बार विचार में आने से चित्त में आती है और चित्त में आने से कूती शरीर ...
**🦋🕉🦋*********************** " तो   मेरे   इस   सामान्य   मनुष्य   के   शरीर   के   पीछे   जो   सदगुरुरूपी   पवित्र   आत्मा   है , उसे   समझने   की   कोशिश   करो । हम   सामान्यतः   डिब्बे   के ...
*॥जय बाबा स्वामी॥* ब्रह्मज्ञान कोई पुस्तक का ज्ञान नहीं हैं। यह एक सूक्ष्म , अनुभूती का ज्ञान हैं जो अलिखित है। यह कहीं भी लिखा हुआ नहीं है। इसे केवल अपनी इच्छाशक्ति से ही दि...
Aneri: _*चैतन्य की अनुभूति एक जीवंत प्रक्रिया है। इस अनुभूति को अनुभव करानेवाला और करने वाला , दोनो ही जीवंत होने आवश्यक है। तभी अनुभूति हो सकती है। *_ _* जय बाबा स्वामी*_ 🍁🙏🏻🍁 _*HSY 3 pg 100*_
Aneri: _*गुरु गुरूकार्य के रूप में कल भी था, आज भी है और कल भी रहेगा। गुरुकार्य के रूप में गुरु सदैव जीवित रहता है। उसके कार्य में योगदान देना, उसका कार्य बढाना ही सही अर्थ में गुरुदक...
Vivek ( जय बाबा स्वामी ): 🙏  एक मित्र ने पूछा है कि ध्यान के अतिरिक्त जो समय बच रहा है शिविर में, उसमें हम क्या करें ??? उन्होंने पूछा है: क्या हम आपकी किताबें पढ़ें ??? नहीं, ध्यान शिविर में क...
🌺🌺शिडीे महाशिबीर के पुवे की विषेष सुचना 🌺🌺🌺🌺🌺🌺 मॉ के गभे से आजतक हमने अंन्दर से केवल बाहर की ही यात्रा की है।और सदैव बाहर की दुनीया को ही जाना है। और टी वी . इन्टरनेट.सिनेम...
@$wiπi .: *॥जय बाबा स्वामी॥* एक नदी समुद्र को क्या दे सकती है? हाँ , नदी समुद्र को समर्पित हो सकती है। ठीक इसी प्रकार , गुरु भी शिष्य का आत्मसमर्पण चाहते हैं , ताकि  वे शिष्य की आत्मा को आ...
Aneri: _* गुरुदेव ने बड़े प्रेम से मेरे सिर पर हाथ फेरा और कहा,” बेटा, जीवन में जो भी पाना चाहते हो, वह देना सिख लो। फिर पाना नहीं पड़ेगा, स्वयं ही मिल जाएगा। “*_ _* जय बाबा स्वामी*_ 🍁🙏🏻🍁 _*HSY 3 pg 70*_ @$wi...
@$wiπi .: *॥जय बाबा स्वामी॥* वह समाधी देहत्याग करने के बाद कई सालों पर्यंत तब तक क्रियान्वित रहती हैं जब तक सद्गुरु का संकल्प रहता है।  सद्गुरु अपनी संकल्प शक्ति से उस (समाधिस्थ) श...
@$wiπi .: *॥जय बाबा स्वामी॥* कोई अच्छा कार्य हो रहा है उस अच्छे कार्य की कामना करना। अगर इतना भी करते हैं तो हम अनजाने में उस कार्य के साथ जुड़ जाते हैं, हमारा लगाव हो जाता है और जब वो क...
@$wiπi .: *॥जय बाबा स्वामी॥* आध्यात्मिक मार्ग में प्रगति करनी हो तो अपनी इच्छा छोडनी पडती है , अपनी स्वयं की कोई इच्छा ही नहीं होती है , सबकुछ 'उसकी' इच्छा पर निर्भर होता है।           ...

समर्पण ध्यान संस्कार

एक  पवित्र  और  शुद्ध  आत्मा  के  द्वारा  एक  पवित्र  और  शुद्ध  आत्मा  पर किया  गया  यह  एक  संस्कार  है । इस  प्रक्रिया  को  घटित। होने  के  लिए  और  इस  संस्कार  को  ग्रह...
@$wiπi .: 🌹 .जय बाबा स्वामी.🌹 " अब जीवन में देने की इच्छा करो, परमात्मा तुम्हारी झोली उसीसे भर देगा जो तुम देना चाहते थे। तुम लोगो को खुशियां देने की शुद्ध इच्छा रखोगे, तुम्हारे जीवन ...