सदैव अच्छे साधकों के साथ रहो । अच्छी सामूहिकता में रहोगे तो अच्छे बनोगे । बुरी संगत में रहोगे , बुरे बनोगे ।
[ आध्यात्मिक सत्य ]
सद्गुरु ही आज का परमात्मा है । परमात्मा का वह स्वरूप है जो वर्तमान समय का है । वर्तमान समय के अनुसार है ।
आ.सत्य.
सदैव अच्छे साधकों के साथ रहो । अच्छी सामूहिकता में रहोगे तो अच्छे बनोगे । बुरी संगत में रहोगे , बुरे बनोगे ।
[ आध्यात्मिक सत्य ]
समर्पण ध्यान सुखमय और सुरक्षित जीवन का मॅनेजमेंट है।
---- *बाबा स्वामी*
प्रथम बार जो अनुभूति होती है , वह तो गुरूकृपा में होती है , पर बाद में साधक को उसके लिए साधना करनी पड़ती है।
---- *पूज्य गुरुदेव*
_*प्रकृति का नियम है- कोई चीज़ नष्ट नहीं होती है , रूपांतरित/स्थानांतरित हो जाती है। *_
_* जय बाबा स्वामी*_
_*HSY 1 pg 491*_
[ आध्यात्मिक सत्य ]
सद्गुरु ही आज का परमात्मा है । परमात्मा का वह स्वरूप है जो वर्तमान समय का है । वर्तमान समय के अनुसार है ।
आ.सत्य.
सदैव अच्छे साधकों के साथ रहो । अच्छी सामूहिकता में रहोगे तो अच्छे बनोगे । बुरी संगत में रहोगे , बुरे बनोगे ।
[ आध्यात्मिक सत्य ]
समर्पण ध्यान सुखमय और सुरक्षित जीवन का मॅनेजमेंट है।
---- *बाबा स्वामी*
प्रथम बार जो अनुभूति होती है , वह तो गुरूकृपा में होती है , पर बाद में साधक को उसके लिए साधना करनी पड़ती है।
---- *पूज्य गुरुदेव*
_*प्रकृति का नियम है- कोई चीज़ नष्ट नहीं होती है , रूपांतरित/स्थानांतरित हो जाती है। *_
_* जय बाबा स्वामी*_
_*HSY 1 pg 491*_
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