🌹🙏🏻 एक - एक दिन बीत रहा था । श्री हरि महाराज के सानिध्य में  ' श्री गणपति अथवर्षिश ' को सिद्ध करने की साधना भी संपूर्ण हो गई थी । श्री हरि महाराज प्रसन्न थे । एक दिन ऐसे ही प्रसन्न होकर बोले, " तुम्हे भविष्य में बड़ा कार्य करना है, आत्मज्ञान बांटने का कठिन कार्य करना हैं । आत्मज्ञान पाना ही बड़ा कठिन है । और न सिर्फ कठिनता से प्राप्त होता हैं, उसे बांटना तो और भी कठिन हैं क्युकी उसे बांटने के लिए दृढ़ इच्छा होनी  चाहिए । 🙏🏻🌹

🌹 सद्गुरु श्री बाबा स्वामी 🌹
ही. स. यो. - 2, पृष्ठ -79

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