मैं कौन हूँ ।
मुझे  तब  अनुभव  हुआ --मैं  शरीर  नहीं  हूँ , मैं  एक  आत्मा  हूँ । और  इस  आत्मा  के  अस्तित्व  को  प्रथम  बार  अनुभव किया  अपनी  आत्मा  के  शरीर  से  हटकर  होने  का  अनुभव  किया  और  उस  अनुभव  से  यह  जान  पाया --मैं  कौन  हूँ । वास्तव  में  मैं  कौन  हूँ , यह  जानना  आध्यात्मिक  प्रगति  के  लिए  अति  आवश्यक  है ।
ही.का.स.योग...2...
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