परमात्मा की शक्ति
परमात्मा की शक्ति छोटे-छोटे कणों के रूप में सारी प्रकृति में ही बिखरी पड़ी है। केवल उन कणों की सवेदनाएँ बड़ी सूक्ष्म हैं। उतनी हमारी सूक्ष्मता बढ़ जाए तो वे अनुभव होंगी या उनकी सामूहिकता बढ़ जाए तो वे अनुभव होंगी। इन दोनों में से जब कोई स्थिति निर्माण नहीं होती , हमें उन परमात्मा के कणों के चैतन्य का एहसास नहीं हो सकता है।
*॥आध्यात्मिक सत्य॥ पृष्ठ:२१*
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