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*॥जय बाबा स्वामी॥*
कोई अच्छा कार्य हो रहा है उस अच्छे कार्य की कामना करना। अगर इतना भी करते हैं तो हम अनजाने में उस कार्य के साथ जुड़ जाते हैं, हमारा लगाव हो जाता है और जब वो कार्य संपन्न हो जाता है ना , तो हमको खुशी होती है , हमको प्रसन्नता होती है - अरे , मैंने प्रार्थना की थी वो होना चाहिए , वो हो गया। जैसे सूरत महाशिबिर में दो लाख साधकों ने प्रार्थना की थी कि शिर्डी में साईबाबा का सिंहासन सोने का होना चाहिए, सब ने प्रार्थना की थी और जब हुआ , दो लाख लोगों को आनंद हुआ , दो लाख खुशी प्राप्त किए। तो ऐसे हम प्रार्थना के माध्यम से भी कही जुड़ जाते हैं , तो भी उसका हमको आनंद मिलता है, एक समाधान मिलता है।
*श्री साईबाबा समर्पण ध्यानयोग महाशिबिर २०१३*
*॥आत्म देवो भव :॥*
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