Aneri:
_*शिष्य की गुरु से आत्मीयता होनी चाहिए। आत्मीयता होगी श्रद्धा से। जब तक श्रद्धा नहीं होगी, तब तक आत्मीयता नहीं होगी और जब तक आत्मीयता नहीं होगी, श्रद्धा नहीं आयेंगी। यह सब एक दूसरे से जुड़ा होता है। आत्मीयता होने पर ही गुरु की बात उसी अर्थ में समजी जा सकतीं है, जिस अर्थ में गुरु बोल रहे है। *_
_* जय बाबा स्वामी*_
🌼🙏🏻🌼
_*HSY 1 pg 85*_

Hiren Jbs:
💝जय बाबा स्वामी।💝
     "मेरा जन्म आज से 800 साल पूर्व हुआ था और एक तपस्या तबसे आरम्भ की थी जो आज तक जारी है। यह मेरा आखिरी जन्म है और एक आश्वासन को पूर्ण करने के लिए ही मुझे यह जन्म लेना पड़ा है। मैं आश्वासन के साथ इस जन्म में बँधा हूँ। सारा जीवन ही आश्वासन को पूर्ण करने में लगा दिया है। आत्मजागृति देने की इच्छा रखना और आत्मजागृति दे पाना, इन दोनों में जमीन-आसमान का अन्तर होता है। क्योंकि आत्मजागृति अन्तिम है, उसके बाद कुछ भी नहीं है।"

  ~बाबा स्वामी
   हि. का स. योग ४

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