Aneri:
_*चैतन्य की अनुभूति एक जीवंत प्रक्रिया है। इस अनुभूति को अनुभव करानेवाला और करने वाला , दोनो ही जीवंत होने आवश्यक है। तभी अनुभूति हो सकती है। *_
_* जय बाबा स्वामी*_
🍁🙏🏻🍁
_*HSY 3 pg 100*_

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