[01/04 1:18 pm] +91 98251 32616: **🦋🕉🦋***********************
" तो मेरे इस सामान्य मनुष्य के शरीर के पीछे जो सदगुरुरूपी पवित्र आत्मा है , उसे समझने की कोशिश करो । हम सामान्यतः डिब्बे के पेकिंग को ही देखते है । भीतर के माल को जीवन में देख ही नही पाते है । और जब देख पाते है , तब उनके भीतर ही परमात्मा के दर्शन हो जाते है । परमात्मा की सारी खोज ही समाप्त हो जाती है ।"......
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ही..स.योग..[ ५ - २३२ ]
।।जय बाबा स्वामी ।।
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[01/04 1:40 pm] +91 99745 92850: *॥जय बाबा स्वामी॥*
ब्रह्मज्ञान कोई पुस्तक का ज्ञान नहीं हैं। यह एक सूक्ष्म , अनुभूती का ज्ञान हैं जो अलिखित है। यह कहीं भी लिखा हुआ नहीं है। इसे केवल अपनी इच्छाशक्ति से ही दिया जा सकता है। देनेवाले को देने का अधिकार होना चाहिए और लेनेवाले को लेने की शुद्ध इच्छा होनी चाहिए। जबतक ब्रह्मज्ञानी गुरू नहीं मिलता , तब तक ब्रह्मज्ञान नहीं हो सकता।
*हिमालय का समर्पण योग ३/ १६९*
*॥आत्म देवो भव:॥*
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