chandrakant malani:
🌸🌳फॉलोवर्स स्पेशल 🌳🌸
🎍रविवार १ अप्रैल २०१८🎍
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गुरु  और  शिष्य  दोनों  में  यही  एक  अंतर  है । क्योंकि  गुरु  अपने  आध्यात्मिक  स्तर  से  बात  कर  रहा  होता  है  और  शिष्य  अपने  स्तर  पर  रहकर  बात  सुन  रहा  होता  है । इसलिए  दोनों  के  बीच  संवाद  नहीं  हो  पाता  और  इसी  कारण  गुरु  की  बात  शिष्य  को  उस  समय  समझ  में  नहीं  आती  है । शिष्य  की  दृष्टि  सीमित  होती  है , वह  केवल  उसके  आसपास  ही  देख  पाता  है । और  गुरु  की  दृष्टि  विशाल  होती  है , वह  शिष्य  के  पीछे  का  भूतकाल  और  आगे  का  भविष्यकाल , दोनों  ही  जानता  है । दोनों  के  बीच  समय  का  अंतराल  होता  है  और  अंतराल  बीते  बिना  गुरु  द्वारा  की  गई  बात  शिष्य  के  समझ  में  नहीं  आंटी  है । ...
[ ही.का.स.योग... १ ...]

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