पूज्य स्वामीजी के साथ हुई प्रश्नोत्तरी

Q - *स्वामीजी, में ध्यान के समय बहुत हिलता हूं । कृपया करके मुझे मार्गदर्शन करें*।
जवाब :-  *जब शक्तियों का प्रवाह बह रहा हो और उसमें बीच मे रुकावट आ जाये, तो वहां तीव्रता बढ़ जाती है । उसे उपर जाने का रास्ता नही मिलता है।  समजो अगर आपका ह्रदय चक्र दूषित हो, तब ध्यान के दौरान शक्ति का प्रवाह नीचे से ऊपर की और उठ रहा हो वह ह्रदय चक्र पर आकर अटक जाता है और उसकी तीव्रता के कारण आपका सारा बदन हिलने लग जाता है।  आपको अगर कोई तनाव हो और उस तनाव के साथ अगर आप ध्यान करने बैठ जाओगे , तब आपकी स्थिति ऐसी हो जायेगी, इसीलिये ध्यान करने के पहले आप अपने आपको हलका करो, बाद में प्रसन्न चित्त से ध्यान में शामिल होंगे, तब यह शिकायत नही रहेगी*।

Q -  *स्वामीजी, कल मुझे ध्यान के समय सिर में दर्द नही था । पर, ध्यान करने के बाद सिर में दर्द सुरु हो गया । ऐसा क्यों हुआ*?
*जवाब* - *ध्यान के बाद या ध्यान के समय कभी भी सिरदर्द हो सकता है, पर यह थोड़े समय के लिये है । कुछ समय के बाद वह नही रहेगा। जैसे कोई नाली में अगर कचरा भरा पड़ा हो, तो जब तक हम उसे साफ नही करेंगे तब तक वह दिखाई देगा । पर एक बार निकल जाने के बाद कुछ नही रहेगा, सब कुछ साफ हो जायेगा*।

Q - *स्वामीजी, जब में सेंटर पर ध्यान करने जाता हूं, तब मुझे गुलाब की खुशबू आती है । ऐसा क्यों हुआ* ?
*जवाब* - *आपको खुशबू आती है, वह आपके ह्रदय चक्र की अनुभूति है । आप ध्यान जारी रखो* ।
   ( " *समर्पण बाल विकास शिबिर* " *श्री समर्पण आश्रम दांडी, दिनांक 3,4,5 जून 2005*)

Q -  *स्वामीजी, क्या हम मरने के बाद वापस इंसान बनते है* ?
*जवाब*- *यह सृष्टि में जितनी योनियां है, उसमे सबसे उत्कृष्ट मनुष्य की ही है । इसीलिये, योनि में जन्म लेने बाद फिर से अगर जन्म लेना पड़े तो मनुष्य योनि ही मिलेगी* ।

Q - *अर्पण और समर्पण में क्या अंतर ह*?
*जवाब* - *समजो अपने पास कुछ बीस फूल है । उसमें से दस फूल आपने मुझे दिया और दस आपके पास रखा । वह अर्पण है। और, समजो सब कुछ जो आपके पास वह दे दिया वह समर्पण है । समर्पण मन, बुद्धि, शरीर सबसे होता है*।

Q - *स्वामीजी, मुझे जो दिन कोई स्वप्न आता है, उस दिन बाद वही की वही धटना घटती भी है । उसका मतलब क्या है* ?
*जवाब* - *जब किसी का मूलाधार चक्र अच्छा हो,सशक्त हो, तब उसे घटना होने के पूर्व की घटना की सूचना हो जाती हैं*।

Q - *प्रकृति में असंतुलन, जैसे कि, भूकंप, बाढ़ वगैरे क्यो होता ह*?
*जवाब* - *क्यो की मनुष्य अत्याधिक विचार करता है और प्रकृति के विरुद्ध कार्यरत रहता है, तो प्रकृति में असंतुलितता निर्माण होती है, जिस कारण आफ़ते आती

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