आभामंडल

२१.  जिस प्रकार से प्रत्येक व्यक्ति की अँगूठे की छाप अलग होती है, ठीक उसी प्रकार से प्रत्येक व्यक्ति का आभामंडल निजी होता है। उस आभामंडल से व्यक्ति को पहचाना जा सकता है।
२२.  इसी आभामंडल से उस व्यक्ति के पूर्वजन्म के बारेमें भी जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
२३.  व्यक्ति के विचार बदलने पर यह आभामंडल भी बदलता है। इसके रंग भी बदलते हैं। यह स्थाई रूप का नहीं होता, वर्तमान स्थिति के अनुसार बदलता है।
२४.  आज तो मशीनों के द्वारा भी इसे देखा जा सकता है, जाना जा सकता है।
२५.  मनुष्य की मृत्यु के ३ दिनों तक यह बना रहता है, पर धीरे-धीरे बुझ जाता है।
२६.  माँ के गर्भ में जब बच्चा आ जाता है, तभी से उसका आभामंडल बनना प्रारंभ हो जाता है। इसीलिए अच्छे आभामंडल के बच्चे के प्रभाव से गर्भावस्था में माँ का भी आभामंडल अच्छा हो जाता है।
२७.  माँ के संस्कारों का, माँ के विचारों का, माँ के सान्निध्य का उस बच्चे के आभामंडल पर भी अच्छा या बुरा,  दोनों  ही प्रकार का प्रभाव पडता है।
२८.  इसीलिए गर्भावस्था में माँ को अच्छी संगत में रहना चाहिए, अच्छे विचार करना चाहिए, अच्छा संगीत सुनना चाहिए, अच्छा साहित्य पढना चाहिए।
२९.  छोटे जन्मे बच्चे का आभामंडल साधारणतः अच्छा ही होता है। इसीलिए हमें छोटे बच्चे के सान्निध्य में सदैव अच्छा लगता है।
३०.  सामान्य मनुष्य को यह याद रखना चाहिए कि जिसका आभामंडल अच्छा होता है, उसके सान्निध्य में हमें अघिक देर बठने की इच्छा होती है। जिसका आभामंडल खराब होता है, उसके पास से उठकर जाने को मन करता है। यही आभामंडल की पहचान है।

आध्यात्मिक सत्य, पृष्ठ. १२६-१२७.

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