* मै भीड़ में भी रहा तो भी अकेला ही रहता हूँ । उस भीड़ पर , भीड़ की बातों पर मेरा ध्यान नही होता है । मेरा ध्यान मेरे गुरुदेव के चैतन्य पर होता है और इसलिए मेरा चित्त किसी पर नही जाता और मुझे किसी के भी विचार नही आते है । मुझे विचार उसिके आएँगे जो मुझे याद कर रहा हो ।...*
* परमपूज्य गुरुदेव *
ही .का .स .योग
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