* सर्वधर्म  समभाव *

सर्वधर्म  समभाव  के  ऊपर  मैं  कार्यरत  था  और  कार्य  करते -करते , करते -करते  जैसे  वो  शिर्डी  के  सांईबाबा  के   क्षेत्र  में  आ  गया , उनकी  प्रॉपर्टी  [आध्यात्मिक ज्ञान ] मुझे  खुद -ब -खुद  ट्रांस्फर  हो  गई । मेरा  उनके  साथ  कुछ  भि  संबंध  नहीं  है ; संबंध  है  तौ  कार्य  समान  है , एक -सा  कार्य  है  और  कार्य  के  कारण  समानता  आ  गई  है  और  कार्य  समानता  के  कारण  शक्तियाँ  रूपांतरित  हो  गई , शक्तियाँ  ट्रांस्फर  हो  गई  और  बूंद  से  सागर  की  शक्ल  आ  गई ।

बाबा स्वामी    
परमपूज्य गुरुदेव
अजमेर महाशीबीर            
१९ / १२ / २००८

Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी