गुरुपुर्णिमा २०१० के प्रवचन के कुछ अंश
- सामूहिकता में चले जाने के बाद उस बुरे कर्म का प्रभाव आपके ऊपर नहीं होता ।
- सामूहिकता में ध्यान करेंगे तब आपकी आत्मा ही आपका गुरु बन जाएगी ।
- कुछ नकारात्मक शक्तियाँ आपको माध्यम बना सकती है । इसलिए सामूहिकता छोड़करके बिलकुल ध्यान मत करो । किसी भी कीमत पे कलेक्टिविटि को मत छोड़ो ।
- गुरुपुर्णिमा के दिन शिष्य की चैतन्य ग्रहण करने की क्षमता खूब बढ़ जाती है ।
- नियमित धान करो , ताकि प्रत्येक दिन आपके जीवन में गुरुपूर्णिमा सिद्ध होगा ।
- शरीर के गुलाम मत बनो ..। आत्मा का शरीर के ऊपर नियंत्रण रखना ही समर्पण ध्यान का उद्देश है ।
परमपूज्य गुरुदेव
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