गुरुपुर्णिमा २०१० के प्रवचन के कुछ अंश


  1. सामूहिकता  में  चले  जाने  के बाद  उस  बुरे  कर्म  का  प्रभाव  आपके  ऊपर  नहीं  होता ।
  2. सामूहिकता  में  ध्यान  करेंगे  तब  आपकी  आत्मा  ही  आपका  गुरु  बन  जाएगी ।
  3. कुछ  नकारात्मक  शक्तियाँ  आपको  माध्यम  बना  सकती  है । इसलिए  सामूहिकता  छोड़करके  बिलकुल  ध्यान  मत  करो । किसी  भी  कीमत  पे  कलेक्टिविटि  को  मत  छोड़ो ।
  4. गुरुपुर्णिमा  के  दिन  शिष्य  की  चैतन्य  ग्रहण  करने  की  क्षमता  खूब  बढ़  जाती  है ।
  5. नियमित  धान  करो , ताकि  प्रत्येक  दिन  आपके  जीवन  में  गुरुपूर्णिमा  सिद्ध  होगा ।
  6. शरीर  के  गुलाम  मत  बनो ..। आत्मा  का  शरीर  के  ऊपर  नियंत्रण  रखना  ही  समर्पण  ध्यान  का  उद्देश  है ।


परमपूज्य गुरुदेव 

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