पूज्य स्वामीजी , चित को हमेशा अपने भीतर रखने के लिए क्या उपाय करना चाहिए ??
Que:- पूज्य स्वामीजी , चित को हमेशा अपने भीतर रखने के लिए क्या उपाय करना चाहिए ??
Ans:- जिस प्रकार से दरवाजे के अंदर कोई व्यक्ति बैठा हुआ है , तो कोई भी चोर दरवाजे से भीतर आने का प्रयास नहीं करेगा | ठीक उसी प्रकार से , आप सदैव आपका चित कहाँ है इसके ऊपर अगर चित रखोगे , अपने चित का सदैव निरिक्षण करते रहेागे , तो आप देखोगे चित बाहर जाना बंद कर देगा | तो चित को भीतर रखने का ये ही मार्ग है , ये ही रास्ता है कि चित के ऊपर चित रखे | चित का निरक्षण करो , सतत एलर्ट ( सतर्क) रहो कि मेरा चित इस समय कहाँ है??
दूसरा , मन और चित इसके अंदर भी अंतर है | मन का सबंध शरीर के साथ है | मन दु:खी या सुखी हो सकता है | चित दु:खी या सुखी नहीं होता | चित का संबंध आत्मा के साथ है | चित पवित्र और अपवित्र हो सकता है | लेकिन चित दु:खी या सुखी नहीं हो सकता | तो चित का केवल निरिक्षण करो | तो भी आप देखोगे , चित भीतर ही रहना सीख जाएगा |
डॉ. सेमिनार , सुरत , 6जून 2014
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