पुत्र के जन्म के बिना मोक्ष प्राप्त नहीं होता


पहले के लोग कहते थे , "पुत्र के जन्म के बिना मोक्ष प्राप्त नहीं होता" तो सामान्य मनुष्य ने उसका अर्थ लगाया , "एक पुत्र को अपनी पत्नी से जन्म देना।" वास्तव में जब मोक्ष आत्मा को होता है , तो पुत्र भी आत्मा को ही होगा यानि वे लोग शरीररुपी पुत्र की बात नहीं कर रहे हैं , "आपके द्वारा एक और आत्मा का जन्म होने पर आपको मोक्ष मिलेगा।" यानि *आपने जो ईश्वरीय अनुभूती प्राप्त की है , उसे एक और मनुष्य को देना ही एक और आत्मा को जन्म देना है।* सब बातों के बडे गहरे अर्थ होते हैं। मनुष्य सदैव अपनी सुविधानुसार ही उसका अर्थ लगाता है।

       ------ *बाबा स्वामी*
(पूज्य गुरुदेव के आशीर्वचन)
*॥आत्म देवो भव॥*

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