Jigna Shah:
🌻 जय बाबा स्वामी 🌻
"मनुष्य की स्थिति, असंतुलित हो तब, एक समस्या से भी मनुष्य प्रभावित होता है। अगर किसी व्यक्ति- विशेष के प्रति गुस्सा हो, नाराजगी हो,तो यह भी एक खराब स्थिति का द्योतक है। उसे क्षमा कर दीजिए, हृदय से क्षमा कर दीजिए। क्षमा करने से हमारे दो चक्र, पवित्र हो जाते हैं.- एक तो आज्ञा चक्र खुलता है, क्योंकि वह व्यक्ति , आपके आज्ञा चक्र में, बैठा हुआ होता है। और दूसरा क्षमा भावना से हृदय-चक्र खुलता है ।
यदि भविष्य की चिंता सता रही हो तो, यह भी असंतुलन की स्थिति है। 'क्योंकि वास्तव में भविष्य तो वह मंजिल है, जो वर्तमान की नींव पर, आधारित होती है' अगर आप वर्तमान को अच्छा रख रहे हैं तो, भविष्य तो अच्छा होगा ही।
~ बाबा स्वामी
हि.का स.योग 4
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