वैचारिक प्रदुषण की बीमारी गुप्त हे । लेकिन यह वैचारिक प्रदुषण से होनेवाली हानि छुपी हिई हे । इसलिए इस और ध्यान ही नहीं दिया गया हे । लेकिन एक समय एइसा आएगा जब वैचारिक प्रदुषण से दिल की बीमारी छूत की बीमारी जैसे फेलेगी क्यूंकि वैचारिक प्रदुषण से अशांति बढ़ेगी और असंतुलन रक्तचाप की बीमारी को जन्म देगा । यह सब भविष्य में होनेवाला हे । अगर इन सबसे हमें बचना हे तो हमें प्रकृति की गोद में ही वापस जाना होगा ।
🌺प.पु.श्री शिवकृपानंद स्वामीजी🌺
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