जब   किसी   का   पूर्ण   समर्पण   ईश्वर   अथवा   गुरुशक्तियों   के   प्रति   हो   तो   उसके   जीवन   मे   उसे   किसी   तरह   कि   कमी   का   अनुभव   नही   होता -- पूर्ण   संतोष   का   भाव   जागृत   होता   है ।
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मधुचैतन्य              🌸
दिसंबर २०१३

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