शून्य तक पहुंचने के मार्ग

पहला मार्ग है -- ध्यान ।..ध्यान में दोनों नाड़ियों पे नियंत्रण करना पड़ेगा ।
दूसरा मार्ग है --गुरुकार्य ।
     अगर आप अपने आपको गूरूकार्य में व्यस्त कर लोगे तो आपको आपका भूतकाल याद नहीं आएगा । चंद्र नाड़ी पर स्वयं ही नियंत्रण हो जाएगा ।
    गूरूकार्य याने वह कार्य जो गुरु साक्षात अपने माध्यम से कराता है । ध्यान करने से गूरूकार्य करना आसान है । केवल आपको आपके अहंकार पर नियंत्रण करना होगा ।
     गूरूकार्य ध्यान छोड़ करके नहीं करना चाहिए ।
     गूरूकार्य सदैव घटित होता है । गूरूकार्य तभी घटित होगा जब आप नीखालस होंगे , पवित्र होंगे , शुद्ध होंगे ;आप खाली पाइप होंगे ।
     प्रत्येक क्षण में आपके साथ रहता हूँ ;आप मेरे साथ कभी कभी रहते है ।
    शुद्ध भाव से गूरूकार्य करोगे न , बराबर उनका चैतन्य आपको सतत मिलते रहेगा । 

गुरुपुर्णिमा २०१०
परमपूज्य  गुरुमाऊली

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