परमात्मा हमारे ही भितर है
परमात्मा हमारे ही भितर है लेकिन इतनी छोटी- सी बात हमें तब तक नहीं पता चलती, जब तक कोई भीतर पहुँच हुआ मनुष्य हमारे जीवन में नहीं आता और वह अपनी साधना की सहका शक्त्ति से हमारे चित को भितर की ओर नहीं मोड़ता है।
भाग ६ - ५२
परमात्मा हमारे ही भितर है लेकिन इतनी छोटी- सी बात हमें तब तक नहीं पता चलती, जब तक कोई भीतर पहुँच हुआ मनुष्य हमारे जीवन में नहीं आता और वह अपनी साधना की सहका शक्त्ति से हमारे चित को भितर की ओर नहीं मोड़ता है।
भाग ६ - ५२
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