मैं अपने बच्चों को उतना समय नहीं दे पाता हूँ , जितना सामान्य पिता देता है।
मुझे सदैव लगता था कि मैं अपने बच्चों को उतना समय नहीं दे पाता हूँ , जितना सामान्य पिता देता है। इसीलिए जब मैं धर पर रहता था तो पूरा समय बच्चों को देता था। जितना हो सके पत्नी की सहायता करता था। यह सब में मुझे आनंद मिलता था, इसलिए करता था । शाम को स्कूल से आने के बाद थोड़ा आराम करके पत्नी व बच्चों के साथ हम प्रायः हमारे धर के पास एक शिवमंदिर था जो एक नदी के किनारे पर था, वहाँ धूमने जाते थे।
भाग - ६ - ६०
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