अर्पण और समर्पण

समाज मे जो अर्पण और समर्पण का अर्थ लगाते हैं वह और हिमालय में ऋषि-मुनि जो समर्पण का अर्थ लगाते है वह, इसमें जमीन-आसमान का अंतर है। हिमालय के ऋषी मुनियों की भाषा में समर्पण शब्द का अर्थ है - अपने माध्यम के साथ समरस होना।

- श्री शिवकृपानंद स्वामीजी,
हिमालय का समर्पण योग भाग -६/१८३

Comments

Popular posts from this blog

Subtle Body (Sukshma Sharir) of Sadguru Shree Shivkrupanand Swami

सहस्त्रार पर कुण्डलिनी