लोग ध्यान सीखते थे लेकिन नियमित करते नहीं थे
मैं और पत्नी सदैव इस बात पर समाधान नहीं थे कि लोग ध्यान सीखते थे लेकिन नियमित करते नहीं थे और ध्यान में प्रगति भी करते नहीं थे और इस पर क्या किया जा सकता था ? हम दोनों चाहते थे कि लोग हमारे ऊपर निर्भर न बनें। ऐसा हम केवल इच्छा रखते थे। लेकिन ऐसा हो नहीं पा रहा था। दिन-प्रतिदिन आने वालों की और मिलने वालों की संख्या बठ ही रही थी और ऐसी ही बठती रही तो क्या होगा ?
भाग - ६ -६३
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