गुरूचरण
चित को तो केवल और केवल गुरूचरण पर रखकर ही पवित्र किया जा सकता है और पवित्र रखा जा सकता है | गुरूचरण पर शुद्ध चित की सामूहिकता मिलती है | मेंने गुरूचरण पर चित रखकर ही चित रखकर ही चित की पवित्रता पाई है | "सिध्धयाँ" तो उसका बाय-प्रोडक्ट हैं |
हि.का .स.यो. भाग-5
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