श्री गादी स्थान अजमेर

आज  श्री विश्व चक्र अनुष्ठान  के बाद मै प्रथम बार श्री गादी स्थान की व्यवस्था देखने को गया था। मैने मैनेजर को घुसते ही कहा अभी तक रेलींग लगी नही है। अभी तक अलमारी बनी है।भीतर नीला लैम्प लगाने को कहा था वह भी नही लगाया है। ऐसा कहते हुये केवल आधे मागे तक ही पहुचा तो मेरे पैर अचानक ही रुक गये। और मैने कहा थोडे देर बैठते है। और बैठते ही ध्यान लग गया और सारा शरीर भाव ही छुट गया।और फीर मेरे साथ के सभी साधक भी ध्यान की गहरी स्थीती मे चले गये।
जो स्थीती मैने नीचे के ध्यान कक्ष मे अनुभव की थी वही चैतन्य के चक्र का अनुभव आज नीचे साधना स्थली के आसपास हुआ।यह केवल २० दिन की प्रगती है। हम सभी वहा काफी समय तक ध्यानस्थ अवस्था मे ही बैठे रहे। ध्यान मे से बाहर नीकलना भी चाह रहे थे । फीर भी नीकलते नही आ रहा था।बडी कठनाई से हम सब बाहर नीकले।हम बाहर तो जैसे तैसे नीकल गये तो भी ध्यान की स्थीती मे थे। वहॉ ध्यान करना नही पडता वहॉ ध्यान स्वयम ही लग जाता है।वहॉ ध्यान से बाहर नीकलने का प्रयत्न करना पडता है।

बाबा स्वामी
22/11/2017 ( Ajmer)

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