समर्पण के दो सिरे
बीज से वृक्ष बनाने का कार्य माली करता है । ऐसे माली का कार्य गुरुमाँ ने किया है । तो जितना बड़ा रोल शिवबाबा का है , उतना ही बड़ा रोल गुरुमाँ का है । कितना भी अछे किस्म का बीज हो , कितने भी अछे किस्म का . . . . वे वृक्ष नही बनते . .. सारे बीज वृक्ष नही बनते । क्योंकि उनको सबको माली नसीब नही होता । तो मुझे समर्पण के दो ही सिरे पता है । एक शिवबाबा और दूसरी गुरुमाँ । सारा समर्पण बस इसी के बीच में है ।
परमपूज्य गुरुदेव
महाशिवरात्री
2013
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